सिद्धू-कान्हो की धरती पर रघुवर दास का जोरदार स्वागत, आदिवासी समाज ने दिखाया समर्थन, केंदुआटांड़ में जुटी भारी भीड़, रघुवर दास ने राज्य सरकार की विफलताओं पर साधा निशाना

राजकुमार मंडल
नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो, जामताड़ा (झा०खं०), झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास का शुक्रवार को जामताड़ा जिले के केंदुआटांड़ मोड़ स्थित सिद्धू कानू प्रतिमा स्थल पर भारतीय जनता पार्टी के नेता हरि मोहन मिश्रा के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने वीर शहीद सिद्धू-कानू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी महिला-पुरुषों की मौजूदगी ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। रघुवर दास जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, आदिवासी समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट कर और माला पहनाकर स्वागत किया। गांव के बुजुर्गों और महिलाओं ने भी जोरदार गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हुए नारा लगाया। जिससे पूरा वातावरण रघुवर दास के नारे से गुंजायमान रहा।साथ ही जनभागीदारी का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रघुवर दास ने झारखंड की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ घोषणाओं और खोखले वादों तक सीमित है। “जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है। ना रोजगार है, ना विकास और ना ही कानून व्यवस्था पर नियंत्रण। उन्होंने बताया कि जिन योजनाओं को उनकी सरकार ने शुरू किया था, उन्हें ठप कर दिया गया है या आधे-अधूरे रूप में लागू किया जा रहा है। उन्होंने जनता से संवाद करते हुए कहा कि जो स्थिति आज आदिवासी समाज की है, वह बेहद चिंताजनक है। “जिस समाज के बलिदान से झारखंड बना, आज वही समाज उपेक्षा का शिकार है। उन्होंने युवाओं को चेताया कि वे अपनी शक्ति और अधिकारों को पहचानें और सही नेतृत्व का चुनाव करें। रघुवर दास ने कहा कि सिद्धू-कानू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत हमें संघर्ष की प्रेरणा देती है। “उनका सपना एक न्यायपूर्ण और आत्मनिर्भर समाज का था। आज का झारखंड उससे कोसों दूर है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो झारखंड को विकास के मार्ग पर ले जा सकती है। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान काली चरण मरांडी, समाजसेवी तारकेश्वर सिंह और युवा भाजपा नेता विक्रांत कुमार ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने स्थानीय समस्याओं को उठाया और रघुवर दास से आग्रह किया कि वे इन मुद्दों को पार्टी स्तर पर आगे बढ़ाएं। इस आयोजन ने स्पष्ट संकेत दिया कि झारखंड की राजनीतिक दिशा एक बार फिर परिवर्तन की ओर अग्रसर हो सकती है। रघुवर दास की उपस्थिति और आदिवासी समाज की भागीदारी ने यह संदेश दिया कि भाजपा की पकड़ अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी मजबूत होती जा रही है।
यह आयोजन ना सिर्फ वीरों को श्रद्धांजलि थी बल्कि झारखंड की बदलती राजनीति का परिचायक भी था, जहां आदिवासी समाज अब अपने अधिकारों के प्रति और अधिक सजग और मुखर हो रहा है।