60 दिनों के भीतर मिलेगा ई रिक्शा मैन्यूफैक्चर्स को जीएसटी का रिफंड

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
मुरादाबाद। यहां बता दें कि ई-रिक्शा बनाने के लिए बैटरी आदि कई पार्ट्स पर 18 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ रहा है जबकि तैयार ई रिक्शा पर छह फीसदी जीएसटी ही देय है, लिहाजा 12 फीसदी का जीएसटी रिफंड मिलने पर ही वह कारोबार बनाए रख सकते हैं।
जीएसटी के मुरादाबाद जोन में पंजीकृत करीब पचास ई रिक्शा मैन्यूफैक्चर्स को जीएसटी का रिफंड मिलने में अब तय समय सीमा से ज्यादा दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उनकी काफी बड़ी पूंजी जीएसटी का रिफंड मिलने में अब अधिक दिनों तक नहीं फंसेगी। मुरादाबाद में एसजीएसटी और सेंट्रल जीएसटी के अंतर्गत कुल पचास से ज्यादा ई-रिक्शा के मैन्यूफैक्चर्स पंजीकृत हैं। ई-रिक्शा के मैन्यूफैक्चर्स लंबे समय से जीएसटी का रिफंड देर में मिलने की परेशानी झेल रहे थे। विभागीय अधिकारियों का भी मानना है कि ई-रिक्शा बनाने वालों को काफी बड़ी पूंजी जीएसटी के रूप में फंसानी पड़ रही है।
जानते हैं क्या , बताया सेंट्रल जीएसटी सहायक आयुक्त ने
यहां बता दें कि ई-रिक्शा बनाने के लिए बैटरी आदि कई पार्ट्स पर 18 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ रहा है जबकि तैयार ई रिक्शा पर छह फीसदी जीएसटी ही देय है, लिहाजा 12 फीसदी का जीएसटी रिफंड मिलने पर ही वह कारोबार बनाए रख सकते हैं। इस रिफंड को हासिल करने के लिए लंबे अरसे से मैन्यूफैक्चर्स को तीन महीने या इससे भी ज्यादा समय इंतजार करना पड़ रहा था। विभाग की तरफ से विशेष ड्राइव शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत ई रिक्शा के मैन्यूफैक्चर्स को साठ दिनों के अंदर ही जीएसटी का रिफंड मिलना सुनिश्चित किया जा रहा है। सेंट्रल जीएसटी के सहायक आयुक्त नवीन खत्री ने बताया कि प्रथम चरण में जीएसटी के रिफंड की साठ दिन से अधिक समय की पेंडेंसी शून्य कर दी गई है। उनके हित में यह ड्राइव जारी रहेगी।