अलवर
मेडिकल विभाग का नया फरमान जारी, जो भामाशाहों पर पडेगा भारीः नेता प्रतिपक्ष जूली
दानदाता और सेवा प्रदाताओं से जबरन वसूली जायज नहीं

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो
अलवर ,जयपुर। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्वयंसेवी संस्थाओं, दानदाताओं और ‘जनप्रतिनिधियों’ द्वारा दिए जाने वाले मेडिकल उपकरण, एंबुलेंस, फर्नीचर आदि के साथ उनके चालक, ईंधन व रखरखाव पर होने वाले 5 वर्ष तक के वित्तीय भार थोपे जाने वाले आदेश की आलोचना करते हुए इसे समाजसेवी, भामाशाह और जनप्रतिनिधियों को हतोत्साहित करने वाला आदेश बताया है।
जूली ने बताया कि भाजपा सरकार आमजन की सुविधा के लिए पूर्ववर्ती सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने में विफल रही है। सरकार की गलत नीतियों और कुप्रबंध के कारण आरजीएचएस, चिरंजीवी और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाएं दम तोड़ रही हैं, ऐसे में मेडिकल विभाग द्वारा जारी नया फरमान स्वयंसेवी संस्थाओं, दानदाताओं, भामाशाहों और जनप्रतिनिधियों को हतोत्साहित करने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि दान या सेवा, प्रदाता की स्वेच्छा से दिए जाते हैं, उनसे रखरखाव, संचालन आदि के नाम पर जबरन वसूली किया जाना न तो व्यवहारिक है और नहीं नैतिक रूप से सही है।
जूली ने बताया कि प्रदेश में 19 हजार से अधिक हैल्थ सेंटर हैं, जहां रोगियों की तुलना में मेडिकल उपकरण, फर्नीचर आदि आवश्यक सुविधाओं का अभाव बना रहता है, ऐसे में स्वयंसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा प्रतिवर्ष 50 से अधिक मशीनें, एंबुलेेंस सहित अन्य मेडिकल उपकरण दानस्वरूप अस्पतालों को प्राप्त होते हैं, जिनसे आमजन को राहत मिलती है, लेकिन नए फरमान में दान स्वीकार करने के लिए ‘दान स्वीकार्य समिति’ बनाया जाना और दान के साथ दानदाताओं से मेडिकल उपकरणों को 5 साल तक चलाने के लिए उनके रखरखाव आदि पर होने वाली राशि तथा एंबुलेंस की स्थिति में वाहन चालक का वेतन और ईंधन पर व्यय होने वाले राशि वसूल किया जाना ठीक नहीं है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
जूली ने सरकार से मांग की है कि सरकार आमजन को मिलने वाली राहत में बाधक इस फरमान को तत्काल वापस ले।