सिंगरौली

सृजन यूथ कनेक्टिविटी कार्यक्रम का शुभारंभ: किशोरों को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम

आत्मविश्वास और परिश्रम से बनेगा सुनहरा भविष्य एनटीपीसी विंध्यनगर में आत्मरक्षा, व्यक्तित्व विकास और जागरूकता की 18 दिवसीय कार्यशाला शुरू

Singrauli News: “आत्मविश्वास और परिश्रम ही सफलता की असली कुंजी हैं।” – उक्त प्रेरणादायक विचार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक रंजन ने सृजन यूथ कनेक्टिविटी कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए। वे एनटीपीसी विंध्यनगर स्थित मैत्री सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।  रंजन ने कहा कि सफलता केवल सोचने से नहीं, बल्कि निरंतर मेहनत और आत्मविश्वास से मिलती है। यह कार्यक्रम यूनिसेफ और मध्यप्रदेश सामुदायिक पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित किया जा रहा है। सिंगरौली जिले में पुलिस विभाग और अमृता सेवा संस्थान समिति के सहयोग से यह 18 दिवसीय कार्यशाला 14 मई से प्रारंभ हुई है।

कार्यशाला का उद्देश्य एवं विशेषताएं

इस विशेष यूथ कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरों और किशोरियों को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाना है। इस कार्यशाला में शामिल बच्चे – मार्शल आर्ट और कराटे जैसी विधाओं के माध्यम से आत्मरक्षा के गुर सीखेंगे, व्यक्तित्व निर्माण एवं शैक्षिक जागरूकता से जुड़े विषयों को समझेंगे और समाज में सशक्त नागरिक बनने की दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति और मार्गदर्शन सीएसपी पी.एस. परस्ते, महिला एवं बाल विकास विभाग से नीरज शर्मा, थाना प्रभारी विंध्य नगर अर्चना द्विवेदी, तथा ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से शोभा दीदी। सभी अतिथियों ने अपने-अपने अनुभवों और विचारों से बच्चों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर 100 से अधिक बच्चे अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित रहे। सभी का स्वागत अमृता सेवा संस्थान समिति की  मंजू सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन पुलिस विभाग से सुरेन्द्र पांडेय ने कुशलता से किया।

विवा क्लब, विंध्यनगर में अभ्यास और प्रशिक्षण जारी

कार्यक्रम के अंतर्गत विवा क्लब विंध्यनगर में इन 18 दिनों के दौरान बच्चे आत्मरक्षा, नैतिक शिक्षा और नेतृत्व कौशल जैसे महत्वपूर्ण विषयों में प्रशिक्षण लेकर अपने व्यक्तित्व को निखारेंगे। कार्यशाला के दौरान किशोरियों को स्वास्थ्य, व्यक्तिगत स्वच्छता (हाइजीन), साइबर क्राइम एवं यौन अपराधों से बचाव के संबंध में भी जागरूक किया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा उन्हें यह सिखाया जाएगा कि डिजिटल युग में खुद को सुरक्षित कैसे रखा जाए और संकट की स्थिति में क्या कदम उठाएं। इसके अतिरिक्त, योग और मेडिटेशन के माध्यम से मानसिक शांति और आत्म-संयम विकसित करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बच्चों को भविष्य में आत्मनिर्भर बनाने हेतु छोटे-छोटे घरेलू रोजगारों जैसे कौशलों की जानकारी भी दी जाएगी, जिससे वे भविष्य में स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकें। यह प्रशिक्षण पूरी तरह विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा प्रदान किया जाएगा, ताकि बच्चों को व्यवहारिक और उपयोगी ज्ञान प्राप्त हो सके।

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