शामली

खोखरी नदी किनारे भारी टायर फैक्ट्री पर एनजीटी सख्त, पर्यावरणीय मंजूरी पर उठे सवाल

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो। 

चौसाना। शामली जिले के सकौती गांव में खोखरी नदी के पास बन रही एक भारी क्षमता वाली टायर पायरोलिसिस फैक्ट्री पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सख्त रुख अपनाया है। एनजीटी की प्रधान पीठ ने डॉ. अमित कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए फैक्ट्री निर्माण को लेकर गंभीर पर्यावरणीय सवाल उठाए हैं और सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

यह फैक्ट्री एम/एस अडिदेवा कार्बन एलएलपी द्वारा 230 मीट्रिक टन प्रतिदिन की क्षमता के साथ बनाई जा रही है, जो खोखरी नदी से महज 40 मीटर की दूरी पर स्थित है। याचिका में कहा गया है कि फैक्ट्री का निर्माण पर्यावरण मानकों और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दिशा-निर्देशों के खिलाफ है। गाइडलाइन के अनुसार, ऐसे पायरोलिसिस प्लांट्स केवल अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों में ही लगाए जा सकते हैं, लेकिन यह प्लांट न तो औद्योगिक क्षेत्र में आता है और न ही इसकी कोई सार्वजनिक जनसुनवाई कराई गई।

याचिकाकर्ता अमित कुमार ने दावा किया कि यह निर्माण कार्य न केवल खोखरी नदी को दूषित कर सकता है, बल्कि आसपास के मंदिर, स्कूल और रिहायशी इलाकों के लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल सकता है। उल्लेखनीय है कि खोखरी नदी के संरक्षण के लिए एनजीटी पहले ही आदेश जारी कर चुका है (मामला संख्या 201/2024), और अब उसी के किनारे भारी प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

एनजीटी की प्रधान पीठ जिसमें अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल शामिल हैं, ने स्पष्ट कहा कि मामला पर्यावरणीय मानकों की अवहेलना से जुड़ा गंभीर विषय है। पीठ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यह जवाब मांगा है कि बिना सिटिंग क्राइटेरिया की जांच के आखिर इस फैक्ट्री को कंसेंट टू एस्टैब्लिश कैसे जारी कर दिया गया।””

एनजीटी ने सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 2 सितंबर 2025 तय की है और निर्देश दिया है कि सभी पक्ष समय पर अपना जवाब दाखिल करें। यदि यह साबित होता है कि फैक्ट्री पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी करके बनाई जा रही है, तो निर्माण कार्य पर रोक के साथ जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

“अडिदेव कार्बन फैक्ट्री में पीपीओ प्लांट है, जिसमें आठ इंडस्ट्रीज शामिल हैं, लेकिन अभी कोई यूनिट चालू नहीं की गई है। एनजीटी का नोटिस मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। नियमों का उल्लंघन पाया गया तो उचित कार्रवाई होगी। — कुंवर संतोष, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शामली”

वहीं, फैक्ट्री संचालक मनीष अग्रवाल से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। व्हाट्सएप पर भी संदेश भेजा गया, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button