अपाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट ने 38 आईपीएस अफसरों को एडीजी (ADG ) व उसके समकक्ष पदों हेतु किया इम्पैनल
The Appointment Committee of the Cabinet empanelled 38 IPS officers for the posts of ADG and equivalent posts.

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो।
रांची। अपाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट ने 38 आईपीएस अफसरों को एडीजी (ADG ) व उसके समकक्ष पदों के लिए इम्पैनल किया है। 38 आईपीएस अफसरों की लिस्ट में झारखण्ड कैंडर के आईपीएस आशीष बत्रा भी शामिल हैं। 1997 बैच के आशीष बत्रा भी एडीजी इम्पैनल हुए हैं। 1995, 1996 और 1997 बैच से अफसरों को एडीजी इम्पैनल किया गया है। तहव्वुर को भारत लाने के लिए बनी टीम को लीड करने का काम आईपीएस IPS आशीष बत्रा को सौंपा गया था। जो एनआईआई आईजी थे। आईपीएस आशीष बत्रा झारखण्ड कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। 2019 में उन्हें केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। उस समय उनका कार्यकाल 5 साल के लिए तय किया गया था। हालांकि पिछले साल ही उनकी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को दो साल के लिए और बढ़ा दिया गया था। अब आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाने की बड़ी जिम्मेदारी भी उन्हीं को सौंपी गई थी। आईपीएस IPS आशीष बत्रा झारखण्ड कैडर के 1997 बैच के अधिकारी हैं, उन्हें राज्य के तेज तर्रार अफसरों में माना जाता है। उनका जन्म 1972 में हुआ था। पढ़ाई की बात करें तो आशीष बत्रा ने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। 2019 में जब उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया तब वह झारखंड में आईजी अभियान थे। 2019 में उन्हें झारखण्ड सरकार के गृह विभाग ने उन्हें रिलीव कर दिया था, तब से वह एनआईऐ NIA में अपनी सेवाएं दे रहे थे। आईपीएस IPS आशीष बत्रा ने झारखंड के नक्सल अभियान में बड़ी भूमिका निभाई थी। वह जनवरी 2018 में झारखंड जगुआर के आईजी बने थे। झारखण्ड जगुआर नक्सलियों से लड़ने के लिए बनाया गया स्पेशल टास्क फोर्स है। यह ठीक उसी तरह काम करता है जैसे आंध्रप्रदेश में ग्रेहाउंड करता है। इसकी स्थापना 2008 में हुई थी. इस फोर्स के जवान गुरिल्ला वार में महारथी माने जाते हैं। आईपीएस IPS आशीष बत्रा ने इस फोर्स को लीड करते हुए नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े अभियान चलाए थे। आईपीएस IPS आशीष बत्रा के काम को देखते हुए 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 अगस्त को झारखंड सरकार को पत्र भेजकर आईपीएस IPS आशीष को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने की मांग की थी। इसके बाद झारखंड के गृह मंत्रालय ने उन्हें रिलीव कर दिया था। वह काफी तेज तर्रार अधिकारी माने जाते हैं, इसीलिए केंद्र में उन्हें एनआईए आजी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पहले उन्हें 5 साल के लिए ये पद दिया गया था, लेकिन 2024 में इसे दो साल के लिए और बढ़़ा दिया गया था।