“ऋतुओं का अता-पता नही,वीरान होती धरती ” : पर्यावरणविद् डॉ अर्जुन पाण्डेय।

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
अमेठी। बुधवार को अमेठी जल बिरादरी की ओर श्री रणंजय इंटर कालेज ठेंगहा के सभागार में गंगा दशहरा एवं विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ‘जलवायु में हो रहे व्यापक परिवर्तन’ विषय पर विचार गोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण से हुआ।विचार गोष्ठी में विषय प्रवर्तन करते हुए पर्यावरणविद् डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि तेजी से हो रहे व्यापक जलवायु परिवर्तन से पारिस्थितिक तंत्र में असंतुलन तेजी के साथ बढ़ा है।ऋतुओं का अता-पता नही।वीरान होती धरती इसका स्पष्ट प्रमाण है।मात्र कागजी अभियान से समस्या का समाधान असंभव है।गंगा दशहरा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए डॉ पाण्डेय ने कहा कि हिमालय बचेगा तभी गंगा बहेगी। गांवों के देश भारत में जल स्वराज से ग्राम स्वराज स्थापित हो सकता है।मुख्य अतिथि जय प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि प्रकृति प्रदत्त उपहार स्वरूप प्राप्त संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करें।इससे न केवल संसाधनों को संरक्षण मिलेगा जीव-जगत स्वयं सुरक्षित होगा। अध्यक्षता करते हुए करुणेश चंद्र मिश्र ने कहा कि वर्तमान पर्यावरणीय संकट से निजात पौराणिक ज्ञान से ही संभव है।वृक्ष मित्र टी पी सिंह ने कहा कि पर्यावरणीय असंतुलन दूर हो।इसके लिए पौधरोपण एवं उनका रखरखाव जरूरी है। संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि धरती हरी-भरी बनी रहे वर्षा जल से धरती का पेट भरना जरूरी है।सत्येन्द्र प्रकाश शुक्ल ने कहा कि धरती को बचाने के लिए उद्दाम भोगवाद से ऊपर उठकर आध्यात्मिक सोच अपनाने की जरूरत है। रामेश्वर सिंह ‘निराश’ ने कहा कि वर्तमान में गीध,गौरैया आदि पक्षियों का विलुप्त होना चिंता जनक है। गोष्ठी को दिनेश शुक्ल,अमर बहादुर सिंह,अनुपम मिश्र, संजय सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।गोष्ठी में राघवेन्द्र प्रताप सिंह,राजीव मिश्र, अनुराग मिश्र ,दिलीप तिवारी,सोनू मौर्य, शाश्वत मिश्र,अंकित मिश्र आदि की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही।गोष्ठी का सफल संचालन प्रकृति प्रेमी समीर मिश्र ने किया।गोष्ठी के उपरांत कालेज परिसर में जलबिरादरी द्वारा वृक्षारोपण किया गया।