सुरकंडा देवी मंदिर,टिहरी-गढ़वाल

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
सुरकुट पर्वत पर है 51 शक्ति पीठों में पहला शक्तिपीठ, यहां गिरा था माता सती का सिर, देवराज इंद्र ने तपस्या की थी
सुरकंडा देवी शक्तिपीठ भारत के उत्तराखंड राज्य में टिहरी जिले के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली शक्ति स्थल है. यह 51 शक्तिपीठों में से एक है और देवी सती के अंगों के गिरने के कारण बने तीर्थ स्थलों में से है. इसका विशेष महत्व देवी उपासना और शक्ति साधना में बताया गया है. यह स्थल घने देवदार के जंगलों और हिमालय के दर्शन के लिए प्रसिद्ध है.उत्तराखंड के टिहरी जिले में सुरकुट पर्वत पर स्थित 51 शक्तिपीठों में सबसे पहला शक्तिपीठ है, जहां माता सती का मस्तक कटकर गिरा था, जिसे सुरकंडा शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है. यह शक्तिपीठ देवी दुर्गा के मां काली स्वरूप को समर्पित है. इतना ही नहीं, इस शक्तिपीठ के प्रांगण में कालभैरव के साथ ही भगवान शिव और हनुमानजी के भी मंदिर इस मंदिर परिसर में स्थापित हैं. साथ ही मंदिर में गंगा जलधारा भी है, जो बेहद पवित्र मानी जाती है. सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 9,995 फीट की ऊंचाई पर स्थित पहला शक्ति पीठ है.