बैतूल अनुकम्पा नियुक्ति और नियमितीकरण की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्राम रोजगार सहायक

ग्राम रोजगार सहायकों पर हो रही अनैतिक कार्रवाई का किया विरोध,मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
30 से अधिक रोजगार सहायकों की मौत के बाद भी प्रशासन बेपरवाह, संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
15 दिन में कार्रवाई नहीं होने पर कलम बंद, कंप्यूटर बंद अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
बैतूल। जिले के ग्राम रोजगार सहायकों ने सोमवार, 2 जून को एकजुट होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अनैतिक कार्यवाहियों का विरोध किया और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह विरोध प्रदर्शन मध्यप्रदेश ग्राम रोजगार सहायक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश बारस्कर के निर्देश और जिलाध्यक्ष दयाराम नारे के नेतृत्व में किया गया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्राम रोजगार सहायक उपस्थित रहे, जिनमें जिला उपाध्यक्ष दिलीप यादव, धर्मेन्द्र साहू, लालसिंह आर्य, सुरेन्द्र बिहारे, सतपाल साहू, जागेश गावंडे, अशोक बारस्कर, ज्ञानदेव महस्की, भंवर सिंह, आकाश बारस्कर, अशोक बारस्कर, सरवन कवड़े, आशीष आर्य, देवेंद्र चौहान, लक्ष्मण यादव और आशीष गाड़गे सहित समूचे जिले के प्रतिनिधि शामिल थे।
ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम रोजगार सहायक पिछले 15 वर्षों से ग्राम पंचायत स्तर पर ईमानदारी और समर्पण से कार्य कर रहे हैं, लेकिन विगत कुछ समय से पंचायतों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा केवल ग्राम रोजगार सहायकों को ही टारगेट कर मनमानी कार्यवाहियाँ की जा रही हैं। इसमें उन्हें पद से पृथक करना, मानदेय रोकना और कटौती जैसे कृत्य शामिल हैं। कटनी और रीवा जिले के उदाहरण देते हुए बताया गया कि वहां पर भी रोजगार सहायकों को बिना उचित प्रक्रिया के हटा दिया गया।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पंचायतों में समस्त योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी केवल ग्राम रोजगार सहायकों की नहीं, बल्कि तकनीकी अमले, अन्य पंचायत कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की भी होती है। फिर भी केवल ग्राम रोजगार सहायकों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
सबसे दुखद पहलू यह है कि बीते तीन महीनों में 30 से अधिक ग्राम रोजगार सहायकों की असामयिक मृत्यु हो चुकी है, लेकिन आज दिनांक तक उनके परिजनों को न तो मृत्यु अनुग्रह सहायता मिली है, न ही कोई अनुकम्पा नियुक्ति। संगठन ने इसे अमानवीय बताया और सवाल उठाया कि शासन प्रशासन ग्राम रोजगार सहायकों के प्रति संवेदनशील रवैया क्यों नहीं अपना रहा है।
ग्राम रोजगार सहायक संघ की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं कि ग्राम रोजगार सहायकों को पंचायत सचिव के समकक्ष संविलियन कर नियमित वेतनमान और ग्रेड पे प्रदान किया जाए। दिवंगत सहायकों के परिजनों को दस लाख रुपये की मृत्यु अनुग्रह राशि तथा अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान किया जाए। साथ ही 25 अगस्त 2018 और 28 जून 2023 को की गई घोषणाओं को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
संगठन ने यह भी मांग की कि मानदेय प्रत्येक माह की 30 तारीख तक भुगतान किया जाए, उन्हें पंचायत सचिवों की तरह सभी सुविधाएं जैसे टी.ए., डी.ए., एनपीएस आदि मिलें, और मनरेगा जैसी मांग आधारित योजनाओं में केवल रोजगार सहायकों को निशाना बनाना बंद किया जाए। निलंबन की स्थिति में जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाए और रिक्त पदों पर जिला स्तरीय रोस्टर से नई भर्ती की जाए। महिला रोजगार सहायकों के संबंध में यह आग्रह किया गया कि विवाह, विधवा या तलाक की स्थिति में अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा दी जाए, ताकि वे अपने परिवार के पास रह सकें। ग्राम रोजगार सहायक संघ ने यह चेतावनी दी है कि यदि 15 दिवस के भीतर उनकी सभी लंबित मांगों का समाधान नहीं किया गया तो वे मध्यप्रदेश के समस्त ग्राम रोजगार सहायकों के संयुक्त मोर्चा के तहत कलम बंद, कंप्यूटर बंद अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने को विवश होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।